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Hindi Kavita

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•हिंदी कविता• समर्पित है हिंदी भाषा में लिखी गई कविताओं को एवं हिंदी कवियों को। हमारी कोशिश है कि हिंदी कविताएँ तथा उनका पढ़ा जाना इस दौर में और लोकप्रिय हो।

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अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं
रुख़ हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं

निदा फ़ाज़ली

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कुछ तो होगा
कुछ तो होगा
अगर मैं बोलूंगा
न टूटे, न टूटे
तिलिस्म सत्ता का
मेरे अंदर का एक कायर टूटेगा

रघुवीर सहाय

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मन बैरागी, तन अनुरागी, क़दम-क़दम दुश्वारी है
जीवन जीना सहल न जानो, बहुत बड़ी फ़नकारी है

निदा फ़ाज़ली

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जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा

गोपाल दास नीरज

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कोई और तरीका नहीं है
कोई और तरीका नहीं था कभी।

चार्ल्स बुकोस्की

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मैं अब हर शख़्स से उक्ता चुका हूँ
फ़क़त कुछ दोस्त हैं और दोस्त भी क्या

जौन एलिया

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यदि आप जान जाएँगे कि लोग मृतकों को कितनी जल्दी भूल जाते हैं, तो आप लोगों को प्रभावित करने के लिए जीना बंद कर देंगे।

क्रिस्टोफ़र वॉकन

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सत्य के लिए किसी से भी न डरना,
गुरु से भी नहीं,
मंत्र से भी नहीं,
लोक से भी नहीं,
वेद से भी नहीं।

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी

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Satyanand Nirupam(@satya_nirupam) 's Twitter Profile Photo

मैं अपनी उदासी के लिए
क्षमा नहीं माँगना चाहता था
मैं नहीं चाहता था मामूली
इच्छाओं को चेहरे पर ले आना
मैं भूल नहीं जाना चाहता था
अपने घर का रास्ता।
~मंगलेश डबराल

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किसी वन की सीमा-रेखा पर
पतझर के झर-झर भोर में देखूँगा
सदाबहार वृक्षों से चिड़ियों का उड़ते जाना...
उड़ते जाना... उड़ते जाना

जब तुम्हें लिखकर भी मेरे कवि!
भूल नहीं पाऊँगा।

दूधनाथ सिंह

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यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान
सीस दियो जो गुरु मिलें तो भी सस्ता जान

कबीर दास

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इक हुनर है जो कर गया हूँ मैं
सब के दिल से उतर गया हूँ मैं

जौन एलिया

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क्या क्या हुआ है हम से जुनूँ में न पूछिए
उलझे कभी ज़मीं से कभी आसमाँ से हम

असरार-उल-हक़ मजाज़

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