भर्ती प्रक्रिया में शामिल समस्त IAS व PCS को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए , लाखो का वेतन पाने वाले एक विवाद रहित,पारदर्शी परीक्षा तक नहीं करा सकते है। भुगत अभ्यर्थी रहे है
शिक्षामित्रो की भांति पुनः नवीन चयन प्रक्रिया (प्री,मुख्य,साक्षात्कार) के पश्चात नियुक्ति देनी चाहिए,
दूसरों पर आरोप दे देने से स्वंम योग्य नहीं हो जाते हैं। साढ़े तीन साल में पूर्व सरकारों की कमियों को दूर कर सकते थे, किन्तु आप द्वारा बनाई हाई पॉवर कमेटी तक लापता हो गई,
शिक्षामित्रो को चुनावी घोषणा पत्र में शामिल कर, व मा0 pm का राहत भाषण ,क्या केवल वोट लेना मूल उद्देश्य था?
2014 के बाद शिक्षामित्रो को हटाकर अत्यधिक योग्य शिक्षकों की भर्ती हुई, उम्मीद है सरकार व अधिकारियों की नजर में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बेसिक स्कूल में बच्चों को प्राप्त हो रही है।
5 सालों में कक्षा 5 के कितने बच्चों का चयन नवोदय विद्यालय, विद्याज्ञान ,सैनिक स्कूल में हुआ???
बनारस में किये गए वादे, व चुनावी संकल्प पत्र में शामिल up के शिक्षामित्रो के उज्ज्वल भविष्य के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी/ समान कार्य समान वेतन, 12 माह, 62 वर्ष तक प्रदान करने का कष्ट करें। शिक्षामित्र सपरिवार जीवन पर्यंत आपके ऋणी रहेंगे।
राज्य से केंद्र तक आपकी सरकार है महोदय, जैसा चाहे वैसा कानून बनाकर राहत दे सकते। साढ़े तीन साल में कोई स्थायी विकल्प नहीं निकला, हाई पॉवर कमेटी लापता हो गई।
चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने का उद्देश्य मात्र वोट हासिल करना था शायद,
UP में लाखों का वेतन पाने वाले अधिकारी एक विवाद रहित परीक्षा नहीं करा सकते है, भुगतना अभ्यर्थियों को पड़ता है।
शिक्षामित्रो की भांति वरिष्ट IAS/PCS अधिकारियों को पुनः IAS/PCS की चयन परीक्षा करवाने का प्राविधान हो,जिससे योग्य लोग विभाग में आकर शुद्ध परीक्षा करा सके।
कमेटी की बैठक जिसमे मा0 डिप्टी cm, प्रमुख सचिव, व शिक्षामित्रो के दर्जन भर नेता उपस्थित थे।
क्या किसी शिक्षामित्र नेता ने मा0 डॉ शर्मा जी, मा0 मुख्यमंत्री जी को कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक कर लागू करने के लिए कभी अनुस्मारक पत्र लिखकर स्मरण दिलाने का कार्य किया?? शायद नहीं,