#नशा_एकअभिशापहै_कैसे_मुक्तिहो
संत गरीबदास जी कहते हैं
मदिरा(शराब) पीवे कड़वा पानी,
सत्तर जन्म कुत्ते के जानी।।
शराब पीने से 70 जन्म तक कुत्ता बनने की सजा मिलेगी। ये खुद परमात्मा ने बताया है। आज ही त्यागें ऐसी बुरी वस्तु को।
-SantRampalJiMaharaj
#नशा_एकअभिशापहै_कैसे_मुक्तिहो
Sant Rampal Ji Maharaj
संत गरीबदास जी कहते हैं
मदिरा(शराब) पीवे कड़वा पानी,
सत्तर जन्म कुत्ते के जानी।।
शराब पीने से 70 जन्म तक कुत्ता बनने की सजा मिलेगी। ये खुद परमात्मा ने बताया है। आज ही त्यागें ऐसी बुरी वस्तु को।
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#आओ_जानें_सनातन_को
सनातन धर्म महान है, जिसके आधारभूत सद्ग्रंथ पवित्र वेद व पवित्र गीता अनुसार सत्यज्ञान केवल संत रामपाल जी महाराज बता रहे हैं कि यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8 व ऋग्वेद मण्डल 1 सूक्त 1 मंत्र 5 के अनुसार सर्व सृष्टि की रचने वाला कबीर परमेश्वर है।
హిందూ ధర్మం గొప్పది
---DAY 24---
1. Linear Algebra: Real and complex matrices (Gate Smashers)✅️
2. Revision of all ML algorithms ✅️
3. SQL question: (techTFQ)✅️
4. Data Science Course: Excel (Internshala)✅️
#DataScientist #DataScience #ConsistentLearning #100DaysOfCode #100xdevs
---DAY 25---
1. Linear Algebra: Determinants and its properties (Gate Smashers)✅️
2. Data Analysis Project: Uber trips Analysis (Aman Kharwal)✅️
3. SQL question: (techTFQ)✅️
4. DS Course: Excel (Internshala)✅️
#DataScience #ConsistentLearning #100DaysOfCode #100xdevs
#आदि_सनातनधर्म_होगाप्रतिष्ठित
विश्व कल्याण के लिए अवतरित पूर्ण संत रामपाल जी महाराज ने दिन रात एक कर दिया और कुछ ही वर्षों में वह कर दिखाया जो दुनिया भर के भविष्यवक्ता कहते आये हैं।
#आओ_जानें_सनातन_को
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सनातन धर्म महान📣📣
सभी धर्मों के धर्मगुरु कहते है कि प्रारब्ध/पापकर्म तो भोगना ही पड़ता है जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बताते है कि सनातन धर्म के आधारभूत शास्त्र यजुर्वेद अध्याय 5 श्लोक 32,अध्याय 8 श्लोक 13 में लिखा है कि पूर्ण
#आओ_जानें_सनातन_को
सनातन धर्म महान
सभी धर्मों के धर्मगुरु कहते है कि प्रारब्ध/पापकर्म तो भोगना ही पड़ता है जबकि जगतगुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज बताते है कि सनातन धर्म के आधारभूत शास्त्र यजुर्वेद अध्याय 5 श्लोक 32,अध्याय 8 श्लोक 13 में लिखा है कि पूर्ण
#What_Is_Meditation
संतमत में परमेश्वर कबीर साहिब जी ने हठयोग/मेडिटेशन नहीं बताया बल्कि सहज समाधि बताया है।
संतों सो सतगुरु मोहि भावै, जो नैनन अलख लखावै। आंख न मूंदे कान न रूंधे, ना अनहद उलझावै।
योग युक्त क्रियाओं से न्यारा, सहज समाधि बतावै।।