विश्वासम्
@Vishwaasam
#Vishwaasam: Family Of Kumar Vishwas Fans. जुड़ने के लिए DM करें।
ID:1739492478372462592
26-12-2023 03:45:29
1,4K Tweets
1,0K Followers
40 Following
विश्वासम् परिवार द्वारा प्रकाशित पत्रिका मनहर के 'मातृम्' पृष्ठ पर पढ़ें परिवार की सदस्य संगीता श्रीवास्तव जी की कविता...
#mothersday2024
पत्रिका पढ़ें👉 shorturl.at/frswW
परिवार से जुड़ने के लिए फॉर्म भरें👉 shorturl.at/gwWY4
भगवान से बड़ा कौन है?
भगवान से बड़ी मां है, क्योंकि उसने भगवान को भी जन्म दिया है।
Dr Kumar Vishvas
#MothersDay #मातृ_दिवस #मातृदिवस
मध्य प्रदेश स्थित नीमच के रहने वाले गुलाब चंद्र बारोड़ जी एवं उत्तर प्रदेश स्थित महोबा के रहने वाले कुलदीप सिंह जी को जन्मदिन की अशेष मंगलकामनाएं। सहस्त्र मुखेश्वर महादेव से प्रार्थना है कि आप दोनों को सदा सुखी और संपन्न रखें।
Gulab Rathor 🇮🇳❤️ an engineer
दो राष्ट्रप्रेमी, दो सनातन ध्वजवाहक... ❤️😍🙏
Dr Kumar Vishvas
Bageshwar Dham Sarkar (Official)
बस जो तूने सुनी मैं वो एक बात हूँ
अब मैं जैसा भी हूँ बस तेरे हाँथ हूँ
साथ दे ये जमाना या ना दे मगर
तू मेरे साथ है मैं तेरे साथ हूँ ..!'
Dr Kumar Vishvas भैया ❤️🙏
महोत्सव होना स्वाभाविक है.. 😍🙏
बाबा बागेश्वर का धाम पूज्य संतो की उपस्थिति.. 🙏
सरस राम कथा मर्मज्ञ Dr Kumar Vishvas जी द्वारा अद्भुत भजन की प्रस्तुति... ❤️🙏
वहाँ उपस्थिति भक्तजन एवं संतगण उत्सव में झूमने लगे अद्भुत पल... ❤️🙏
कन्हैया कन्हैया कन्हैया... ❤️🙏
जो पीढ़ी अपने अतीत का आदर नहीं करती,
उसे भविष्य तो छोड़ो, वर्तमान भी मार्ग नहीं देता..
-Dr Kumar Vishvas
संगमनगरी प्रयागराज के रहने वाले धनंजय शुक्ला जी और गाजीपुर के रहने वाले आशुतोष सिंह जी को जन्मदिन की मंगलकामनाएं। विश्वासम् परिवार की महादेव से प्रार्थना है कि आप पर सदैव आशीष बनाए रखें।
Dhananjay Shukla आशुतोष सिंह
'बदलने को तो इन आँखों के मंजर कम नहीं बदले
तुम्हारी याद के मौसम हमारे ग़म नहीं बदले
तुम अगले जन्म में हमसे मिलोगी तब तो मानोगी
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले!'
-Dr Kumar Vishvas
'मेरा ख़्याल तेरी चुप्पियों को आता है
तेरा ख़्याल मेरी हिचकियों को आता है,
ग़लत पते पे चली आईं, ये जतलाने का
उलाहना भी तेरी चिट्ठियों को आता है.!'
-Dr Kumar Vishvas
तुम पूछते हो कि Dr Kumar Vishvas भईया ने किया क्या है?
जिन मंचों पर चुटकुले हावी होते थे, जहां द्विअर्थी संवाद बेटियों को शर्मिंदा करते थे, उन मंचों पर सच वापस लौट कर आया है, उन मंचों पर फिर से वागेश्वरी माँ शारदे कि कृपा वापस से बरसने लगी है।
तुम कुढ़ते रहो! भईया सच बोलते…