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पूर्ण मोक्ष सिर्फ आदि सनातन धर्म की साधना से प्राप्त किया जा सकता है। आदि सनातन धर्म की साधना के मंत्र 'ओम् तत् सत्' है जो की गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में प्रमाणित है जिसे पूर्ण सन्त/ तत्वदर्शी संत द्वारा प्रदान किया जाता है।

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पूर्ण मोक्ष सिर्फ आदि सनातन धर्म की साधना से प्राप्त किया जा सकता है। आदि सनातन धर्म की साधना के मंत्र 'ओम् तत् सत्' है जो की गीता अध्याय 17 श्लोक 23 में प्रमाणित है जिसे पूर्ण सन्त/ तत्वदर्शी संत द्वारा प्रदान किया जाता है।
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Ganesh Pardeshi(@GaneshP81150463) 's Twitter Profile Photo

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सनातन धर्म के आधार ग्रंथ गीता जी के अध्याय 16 श्लोक 23 में लिखा है जो पुरुष यानी साधक शास्त्र विधि को त्याग कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है वह न सिद्धि को प्राप्त होता है.
Sant Rampal Ji Maharaj

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Radha Rajawat(@RadhaRajawat17) 's Twitter Profile Photo

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वर्तमान के सभी धर्म गुरु पितृ पूजा,भूत पूजा,श्राद्ध करवाते हैं !
गीता जी कहती है कि ये नहीं करना है फिर हम क्यों करते हैं?
गीता अध्याय 9 श्लोक 25में प्रमाण है जिससे सिद्ध होता है जो पितृ पूजा करते हैं, वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, है

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वर्तमान के सभी धर्म गुरु पितृ पूजा,भूत पूजा,श्राद्ध करवाते हैं !
गीता जी कहती है कि ये नहीं करना है फिर हम क्यों करते हैं?
गीता अध्याय 9 श्लोक 25में प्रमाण है जिससे सिद्ध होता है जो पितृ पूजा  करते हैं, वे मोक्ष प्राप्त नहीं कर पाते, है
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पतराम दास(@dasa_patarama) 's Twitter Profile Photo

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जबकि गीता का ज्ञान कहने वाला गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान कहता है। कहा है कि हे अर्जुन ! तेरे और मेरे अनेकों जन्म हो चुके हैं।
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जबकि गीता का ज्ञान कहने वाला गीता अध्याय 2 श्लोक 12, अध्याय 4 श्लोक 5, अध्याय 10 श्लोक 2 में अपने को नाशवान कहता है। कहा है कि हे अर्जुन ! तेरे और मेरे अनेकों जन्म हो चुके हैं।
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