बे-तहाशा सी ला-उबाली हँसी
छिन गई हम से वो जियाली हँसी
लब खुले जिस्म मुस्कुराने लगा
फूल का खिलना था कि डाली हँसी
हँस पड़ी शाम की उदास फ़ज़ा
इस तरह चाय की प्याली हँसी...🌹
#बशीर_बद्र 🌸
#अंतर्राष्ट्रीय_चाय_दिवस ☕
जब बिछडना भी तो हँसते हुए जाना वरना,
हर कोई रुठ जाने का सबब पूछेगा!
~बशीर बद्र
#Mere_baare_me_hawaaon
#Bashir_Badr